त्रिभुज का क्षेत्रफल

त्रिभुज का क्षेत्रफल

त्रिभुज का क्षेत्रफल :-

माना कि दिये समतल मे तीन बिन्दु A, B और C हैं। माना कि निर्देशांक अक्षो XOX’और YOY’ के सापेक्ष बिन्दुओं A,Bऔर C के निर्देशांक क्रमशः (x₁,y₁),(x₂,y₂)और (x₃,y₃) हैं।

त्रिभुज का क्षेत्रफल

बिन्दु A,BऔरC से XOX’ पर क्रमशः AL, BM और CN लम्ब डालें।

समतल मे बने हुए चित्र से ∆ABC का क्षेत्रफल =

समतल चतुर्भुज ALMB का क्षेत्रफल + समलम्ब चतुर्भुज BMNC का क्षेत्रफल – समलम्ब चतुर्भुज ALNC का क्षेत्रफल

हम जानते है कि समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2(समान्तर भुजाओं का योग)× इन रेखाओं के बीच लम्ब की दूरी

∆ABC का क्षेत्रफल = 1/2(AL+BM).ML +1/2(BM+CN).MN – 1/2(AL+CN).NL

चित्र से AL= y₁ ,BM =y₂ , CN = y₃

OL =x₁, OM=x₂, ON=x₃

ML= OL – OM= x₁-x₂

NM=OM – ON =x₂-x₃

NL= OL – ON = x₁ -x₃

सभी के मान रखने पर,

∆ABC का क्षेत्रफल =1/2(AL+BM).ML +1/2(BM+CN).MN – 1/2(AL+CN).NL

= 1/2(y₁+y₂)(x₁-x₂) +1/2(y₂+y₃)(x₂-x₃) -1/2(y₁+y₃)(x₁-x₃)

=1/2[X₁(y₁+y₂-y₁-y₃)+x₂(-y₁- y₂+y₂+y₃)+x₃(-y₂-y₃+y₁+y₃)]

∆ABC का क्षेत्रफल = 1/2[x₁(y₂-y₃)+x₂(y₃+y₁)+x₃(y₁-y₂)]

तीन बिन्दुओं की समरेखता (Collinearity) का प्रतिबंध:-

तीन बिन्दुओं (x₁ ,y₁),(x₂,y₂) तथा (x₃,y₃) का एक ही सीधी रेखा में होने का प्रतिबंध ज्ञात करना।

यदि तीन दिये हुये बिन्दु एक सीधी रेखा में है, तो उससे बने त्रिभुज का क्षेत्रफल शून्य होगा।

1/2[(x₁y₂-x₂y₁)+(x₂y₃-x₃y₂)+(x₃y₁-x₁y₃)]=0

या (x₁y₂-x₂y₁)+(x₂y₃-x₃y₂)+(x₃y₁-x₁y₃) =0

जो कि अभीष्ट प्रतिबंध हैं।

त्रिभुज के केन्द्रक(Centroid) और परिकेन्द्रक (Circum centre):-

केन्द्रक (Centroid):-

किसी त्रिभुज की मध्यिकायें (Medians)जिस बिन्दु पर मिलता है उस बिन्दु को त्रिभुज का केन्द्रक कहते हैं। केन्द्रक मध्यिका को शीर्ष से 2 तथा आधार से 1 के अनुपात मे अन्तः विभाजित करता हैं।

त्रिभुज का केन्द्रक

केन्द्रक ज्ञात करना:-

माना कि त्रिभुज के शीर्ष A(x₁,y₁) ,B(x₂,y₂) तथा C(x₃,y₃) है तब BC के मध्य बिन्दु D के निर्देशांक (x₂+x₃/2 ,y₂+y₃/2) है यदि बिन्दु G, AD को 2:1 के अनुपात मे विभाजित करता है, तो G के निर्देशांक

2[(x₂+x₃/2)+1.X₁/2+1 , 2(y₂+y₃/2)+1.y₁/2+1]

अर्थात [x₁+x₂+x₃/3 , y₁+y₂+y₃/3]

केन्द्रक के निर्देशांक =[x₁+x₂+x₃/3 ,y₁+y₂+y₃/3] हैं

अर्थात (शीर्षों के भुजा का योग/3 ,शीर्षों के कोटियों का योग /3)

त्रिभुज के अंतः केन्द्र (In centre):-

अंतः केन्द्र :-

वह बिन्दु जहां किसी त्रिभुज के कोणार्धक मिलते हैं , उस त्रिभुज का अंतः केन्द्र कहलाता है।

अंतः केन्द्र के निर्देशांक ज्ञात करना:-

माना कि त्रिभुज ABC के शीर्ष A(x₁,y₁) ,B(x₂,y₂) तथा C(x₃,y₃) हैं।

माना AD और BE क्रमशः कोणA और कोणB के कोणार्धक हैं , जो बिन्दु I मे मिलते हैं।

अतः उपरोक्त परिभाषा के अनुसार त्रिभुज ABC का अंतः केंद्र I है जिसके निर्देशांक ज्ञात करने है।

त्रिभुज का क्षेत्रफल

चूंकि ∆ABC मे कोण BAC का अर्धक AD है।

इसलिए ज्यामिति से BD/DC, AB/AC = c/b

इसलिए BD:DC = c:b

अर्थात बिन्दु D रेखा BC को आंतरिकतः c:b के अनुपात मे विभाजित करता है।

इसलिए बिन्दु D के निर्देशांक(cx₃+bx₂/c+b ,cy₃+by₂/c+b) हैं।

पुनः ∆ABD मे चूंकि कोण ABD का अर्धक BI हैं।

अतः ज्यामिति से, AI/ID =AB/BD=c/BD

परन्तु हम सिध्द कर चुके है कि

BD/DC =c/b या DC/BD=b/c

दोनों पक्षों में 1 जोड़ने पर

(DC/BD)+1 =(b/c)+1

BD+DC/BD=b+c/c

BC/BD =b+c/c

BD=ca/b+c

तो AI/ID =c/ca/b+c =b+c/a

अर्थात बिन्दु I रेखा AD को आंतरिकतः (b+c):a के अनुपात मे विभाजित करता है।

चूंकि बिन्दुओं A(x₁, y₁) तथा D(bx₂+cx₃/b+c, by₂+cy₃/b+c) को मिलाने वाली रेखा AD को (b+c):a के अनुपात में अन्तर्तः विभाजित करने वाले बिन्दु I के निर्देशांक हैं –

[ax₁+(b+c)(bx₂+cx₃/b+c)/a+b+c ,ay₁+(b+c)(by₂+cy₃/b+c)/a+b+c]

अतः केंद्र के निर्देशांक (ax₁+bx₂+cx₃/a+b+c , ay₁+by₂+cy₃/a+b+c)

 

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