
Aids meaning , symptoms, prevention
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Aids meaning , symptoms, prevention
एड्स (AIDS)
कारण –
एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएन्सी सिन्ड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) है।
यह विषाणुजनित बीमारी है।
इन विषाणु का नाम HIV ह्यूमन इम्यूनो डेफिसियेन्सी वाइरस (Human immunodeficiency virus) है।
यह विषाणु शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को (Immune system) को नष्ट कर देता है जिस कारण व्यक्ति अनेक रोगों के संक्रमण का शिकार हो जाता है।
HIV एक प्रकार की श्वेत रूधिर कणिका पर जिसे T4 कहते है।
आक्रमण करता है।
T4 कोशिकाओं मे विषाणु अपनी संख्या में वृद्धि करते है तथा इस कोशिका को नष्ट कर देते है।
T4 कोशिकाओं को नष्ट होने के कारण एन्टीबाडी का निर्माण नहीं होता है।
इस प्रकार का प्रतिरक्षा तंत्र समाप्त हो जाने के कारण एड्स रोग हो जाता है।
संचरण की विधि
1. लैगिक संपर्क द्वारा (Sexual Contact):-
एड्स से पीड़ित व्यक्तियों से यौन-संबंध रखने के कारण होता है।
इस कारण इसे लैगिंक संपर्क जन्य रोग (Sexual transmitted disease) कहते हैं।
2 रूधिर आधान द्वारा :-
जब एड्स रोग से पीड़ित व्यक्ति का रुधिर किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को दो चढ़ा दिया जाय तो एड्स रोग हो जाता है।
इसे रक्त संचरित बीमारी कहते है।
3. माता से संतान में :-
एड्स बीमारी से पीडित स्त्री के गर्भ में उपस्थित भ्रूण के रूधिर में HIV विषाणु पहुँच जाता है जिससे पैदा होने वाले शिशुओं में यह रोग हो जाता है।
4. अन्य विधियों द्वारा:-
एड्स रोगी को लगाए गए इंजेक्सन की सुई का उपयोग पुनः यदि स्वस्थ व्यक्ति में किया जाय तो एड्स रोग का शिकार हो सकता है।
नाई के द्वारा उपयोग क़िए जाने वाले ब्लेड, उस्तरा द्वारा रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में इस बीमारी के होने की संभावना अधिक रहती है।
लक्षण (Symptoms)
1. मस्तिष्क को अधिक नुकसान पहुँचता है जिससे स्मरण शक्ति, बोलने एवं सोचने की क्षमता में कमी हो जाती है।
2 लसीका ग्रन्थियाँ फूल जाती है।
3 लगातार बुखार तथा रुधिर प्लेटलेट्स की संख्या में कमी होती है।
4. अधिक दिनों तक पेट का खराब रहना, कफ़ का गिरना एवं दस्त का बार-बार होना।
5. त्वचा पर घाव का होना, एवं बराबर थकावट महसूस करते है।
6. एड्स से बीमार व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाती है जिस कारण शरीर के सभी तंत्र रोग ग्रस्त हो जाते हैं।
रोकथाम (Prevention)
1. व्यक्तियों को अनैतिक यौन संबंधों से दूर रहना चाहिए।
2. इंजेक्शन को लगवाते समय डिस्पोजेबल सुई का ही उपयोग करना चाहिए।
3. प्रचार, प्रसार या इस बीमारी से बचाव के लिए व्यक्तियों को शिक्षित करना चाहिए।
4. रूधिर आघान के पहले दाता व्यक्ति के रूधिर का HIV परीक्षण होना चाहिए।
5. दैनिक व्यवहार की उपयोगी वस्तुएं शैविंग रेजर, टूथब्रश, उस्तरा, आदि का उपयोग दूसरे व्यक्तियों का नहीं करना चाहिए।
महत्वपूर्ण बातें
1. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण योजना का प्रारंभ 1987 में हुआ था।
2 एक दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
3 भारत के सभी राज्यों से एड्स रोगी की सूचना है परंतु अरूणाचल प्रदेश ऐसा राज्य है जहाँ एड्स रोगी नहीं है।
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