समान्तर श्रेढ़ी
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समान्तर श्रेढ़ी :-
वह अनुक्रम जिसका प्रत्येक पद अपने पूर्ववर्ती पद मे एक निश्चित संख्या को जोड़ने या घटाने से प्राप्त होता है उसे समान्तर श्रेढ़ी कहते है।
इस निश्चित संख्या को जिसे जोड़ा या घटाया जाता है समान्तर श्रेढ़ी का सार्वान्तर कहते हैं। इस से सामान्यतः अंग्रेजी के “d” से निरूपित करते हैं।
उदाहरण:- 1+4+7+10……..
व्यापक पद :-
यदि समान्तर श्रेढ़ी का प्रथम पद “a” और सर्वान्तर “d” हो ,तो व्यापक रूप a+(a+d)+(a+2d)+(a+3d)……
इस प्रकार,
श्रेढ़ी का n वां पद Tₙ=a + (n – 1)d
इस n वें पद को ही समान्तर श्रेढ़ी का व्यापक पद कहते हैं।
यदि श्रेढ़ी के n वें पद के मान को अंतिम पद “l” स प्रदर्शित करें तो
Tₙ =f(n)=l= a + (n – 1)d
समान्तर श्रेढ़ी का योग (Sum of an arithmetic progression):-
मान लो कि का प्रथम पद “a” सार्वान्तर “d” कुल पदों की संख्या “n” अंतिम पद “l” तथा n पदों का योगफल “Sₙ” हो तो
Sₙ= n/2{2a+(n – 1)d}
Sₙ = n/2{a + l }
वह अनुक्रम जिसका प्रत्येक पद अपने पूर्ववर्ती पद मे एक निश्चित संख्या को जोड़ने या घटाने से प्राप्त होता है
इस निश्चित संख्या को जिसे जोड़ा या घटाया जाता है सार्वान्तर कहते हैं।
इसे सामान्यतः अंग्रेजी के “d” से निरूपित करते हैं।
उदाहरण:- 1+4+7+10……..
व्यापक पद :-
यदि प्रथम पद “a” और सर्वान्तर “d” हो ,तो व्यापक रूप a+(a+d)+(a+2d)+(a+3d)……
इस प्रकार,
श्रेढ़ी का n वां पद Tₙ=a + (n – 1)d
इस n वें पद को ही व्यापक पद कहते हैं।
यदि श्रेढ़ी के n वें पद के मान को अंतिम पद “l” स प्रदर्शित करें तो
Tₙ =f(n)=l= a + (n – 1)d
योग (Sum of an arithmetic progression):-
मान लो कि प्रथम पद “a” सार्वान्तर “d” कुल पदों की संख्या “n” अंतिम पद “l” तथा n पदों का योगफल “Sₙ” हो तो
Sₙ= n/2{2a+(n – 1)d}
Sₙ = n/2{a + l }
माध्यिका (Median) किसे कहते हैं ?
दोलन चुम्बकत्वमापी (Vibration Magnetometer)