विद्युत धारा किसे कहते हैं
Table of Contents
जानिए, विद्युत धारा किसे कहते हैं
विद्युत धारा ( Electric current)-
किसी चालक के किसी परिच्छेद में आवेश प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं
या किसी चालक के किसी परिच्छेद से एकांक समय में आवेश की जितनी मात्रा प्रवाहित होती है , उसे विद्युत धारा का कहते हैं
सूत्र के रूप में ,
विद्युत धारा = आवेश / समय
यदि किसी चालक के किसी परिच्छेद से t समय में Q आवेश प्रवाहित होता है, तो विद्युत् धारा
I = Q/t ……..(1)
या Q = It
मात्रक –
S.I पद्धति में विद्युत् धारा का मात्रक ऐम्पियर (Ampere) है। इसे A से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र- I=Q/t से,
I = 1 कूलॉम /1सेकण्ड = 1 ऐम्पियर
यदि किसी चालक में 1 सेकण्ड में1 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है, तो उसमें बहने वाली धारा का मान ऐम्पियर होता है।
धारा एक अदिश राशि है तथापि इसे किसी विद्युत् परिपथ में तीर युक्त रेखा द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
यदि किसी चालक में किसी अनुप्रस्थ परिच्छेद से t सेकण्ड में n इलेक्ट्रॉन गुजरते हों, तो उस स्थान से t सेकण्ड में गुजरने वाला कुल आवेश Q=ne.
जहाँ e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6 x 10-19 कूलॉम
सूत्र- I = Q/t में मान रखने पर,
I = ne / t …………(2)
नोट:-
(1) परम्परा के अनुसार किसी चालक में धनावेश के प्रवाह की दिशा को विद्युत् धारा की दिशा मानी जाती है।
धातुओं में इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह द्वारा विद्युत् का चालन होता है।
अतः विद्युत् धारा को दिशा इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को दिशा के विपरीत मानी जाती है।
(ii) धातुओं के समान ही कुछ द्रवों और गैसों में भी विद्युत् का चालन होता है।
धातुओं में विद्युत् चालन ऋण आवेश वाहको अर्थात् इलेक्ट्रॉनों के द्वारा होता है,
किन्तु द्रवों या गैसों में विद्युत् का प्रवाह धन आवेश वाहकों और ऋण आवेश वाहकों दोनों के द्वारा होता है।
(iii) विद्युत् परिपथ में विद्युत धारा को तीर युक्त रेखा द्वारा प्रदर्शित करते हैं यद्यपि यह अदिश राशि है,
क्योंकि विद्युत् धारा अदिशों के योग नियम का पालन करती है।
यदि धारावाही चालक तार को विभिन्न आकृतियों में मोड़ दिया जाए या गाँठ लगा दिया जाए तो धारा के मान में कोई परिवर्तन नहीं होता।
(iv)
धारा घनत्व (Current Density) –
किसी चालक के प्रति एकांक अनुप्रस्थ परिच्छेद से प्रति सेकण्ड प्रवाहित होने वाली धारा को धारा घनत्व कहते हैं। इसे J से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र के रूप में,
धारा घनत्व = विद्युत् धारा / क्षेत्रफल
या J = I/A = I × t / A × t = Q / A × t
धारा घनत्व का S.1. मात्रक ऐम्पियर/ मीटर 2 है।
यह एक सदिश राशि है ।
इसकी दिशा विद्युत् धारा की दिशा के अनुदिश होती है।
धारा घनत्व चालक के अन्दर किसी बिन्दु का एक लाक्षणिक गुण होता है, सम्पूर्ण चालक का नहीं।
(v) एक इलेक्ट्रॉन में 1 .6 x 10-19 कूलॉम आवेश होता है।
अतः 1 कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 1/1 .6 x 10-19 = 6.25 x 1018इस प्रकार 1 ऐम्पियर 6.25 x 1018 इलेक्ट्रॉन प्रति सैकण्ड।
ध्यान रहे कि यदि किसी तार में 1 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है तो उस तार में 1 सेकण्ड में 6.25 x 1018 इलेक्ट्रॉन एक सिरे से दूसरे सिरे तक नहीं जाते,
अपितु तार के एक सिरे से 1 सेकण्ड में 6.25 x 1018 इलेक्ट्रॉन प्रवेश करते हैं।
ये इलेक्ट्रॉन अन्य इलेक्ट्रॉनों को प्रतिकर्षित करते हैं, फलस्वरूप दूसरे सिरे से 1 सेकण्ड में इतने ही इलेक्ट्रॉन बाहर निकल जाते हैं।
(vi) जिस पथ में विद्युत् धारा प्रवाहित होती है, उसे विद्युत् परिपथ (Electric Circuit) कहते हैं।
आवेश उत्पत्ति का इलेक्ट्रॉनिक सिद्धान्त