वायुयान के रबर टायर कुछ चालक बनाये जाते हैं। क्यों ?
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सामान्य रबर विद्युत् रोधी होता है , किन्तु वायुयान के रबर टायर कुछ चालक बनाये जाते हैं। क्यों ?
वायुयान के लैंडिंग (Landing) के समय (भूमि पर उतरते समय) टायर और भूमि के मध्य घर्षण के कारण उनके टायर आवेशित हो जाते हैं।
टायर कुछ चालक बनाये जाते हैं। अतः आवेश टायर में न रहकर पृथ्वी में चला जाता है।
चुम्बकीय क्षेत्र और विद्युत्-क्षेत्र दोनों एक आवेशित कण को विक्षेपित कर देते हैं। इन विक्षेपों में क्या अन्तर है ?
चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा गतिमान आवेशित कण पर लगने वाला बल गति की दिशा के लम्बवत् होता है।
अतः इस बल द्वारा आवेश पर किया गया कार्य शून्य होता है जिससे आवेशित कण की गतिज ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है।
विद्युत्-क्षेत्र में विक्षेप क्षेत्र की दिशा में ही होता है। अतः आवेशित कण की गतिज ऊर्जा बदल जाती है।
क्या कारण है कि संधारित्र में किसी धातु को परावैद्युत के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जाता ?
धातु विद्युत् का चालक है। यदि संधारित्र में परावैद्युत के रुप में किसी धातु को प्रयुक्त किया जाए तो विद्युत् का प्रवाह एक प्लेट से दूसरी प्लेट की ओर होने लगेगा।
फलस्वरूप दोनों प्लेटों का विभवान्तर शून्य हो जायेगा। अतः संधारित्र अब संधारित्र की तरह कार्य नहीं करेगा।
प्रकाश का संचरण फोटॉनों के द्वारा होता है तो भी हमें अपनी आँख में पड़ने वाला प्रकाश असंतत (Discontinue ) प्रतीत नहीं होता , क्यों?
आँख की रेटिना पर किसी फोटॉन का प्रभाव 1/10 सेकंड तक रहता है।
यदि फोटॉन इससे कम समय पर आकर रेटिना से टकराते रहें तो प्रकाश संतत प्रतीत होगा।
जब प्रकाश आँख के अन्दर प्रवेश करता है तो रेटिना पर प्रति सेकण्ड 10¹⁸ फोटॉन आपतित होते हैं। फलस्वरूप प्रकाश संतत प्रतीत होता है , असंतत नहीं।
बर्फ, जल से हल्की है या बर्फ अपनी सतह पर तैयारी हैं, क्यों ?
हमने देखा है कि बर्फ अपनी सतह पर तैयारी हुईं दिखाई देती हैं क्योंकि बर्फ में त्रिविमीय संरचना होती हैं जिसमें अणुओं के बीच बन्द नहीं होते केवल वाण्डर वॉल्स बल रहता हैं।
संरचना में रिक्त स्थान भी रहता है जो कि कम घनत्व के लिये उत्तरदायी है।
अतः बर्फ जल की तुलना में हल्की होती है जिसके कारण हमें बर्फ सतह पर तैयारी हुईं दिखाई देती हैं।
विद्युत् वाहक बल और विभवान्तर में अन्तर
विद्युत् चुम्बकीय क्षेत्र और द्रव्य चुम्बकीय क्षेत्र में अंतर