लौह चुम्बकीय पदार्थ
लौह चुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जो किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की दिशा में ही प्रबल रूप से चुम्बकित हो जाते हैं तथा किसी चुम्बक के सिरों के पास रखे जाने पर उसकी ओर तीव्रता से आकर्षित होते हैं। पदार्थों के इस गुण को लौह चुम्बकत्व कहते हैं।
लोहा , इस्पात , निकिल , कोबाल्ट , गेलोडियम आदि लौह चुम्बकीय पदार्थ के उदाहरण हैं। लौह चुम्बकीय पदार्थों में निम्न गुण पाये जाते हैं –
1.Ferro-magnatic Substance दुर्बल चुम्बक की ओर भी आकर्षित हो जाते हैं।
2. Ferro-magnatic Substance को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्रतापूर्वक लटकाये जाने पर वह क्षेत्र के समान्तर हो जाते हैं।
3. जब किसी Ferro-magnatic Substance को एक असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो वह क्षेत्र के कम तीव्रता वाले भाग से अधिक तीव्रता वाले भाग की ओर चलने लगता है।
4. जब किसी Ferro-magnatic Substance को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो वह क्षेत्र की दिशा में ही तीव्रता से चुम्बकित हो जाता है और उसमें ध्रुव प्रेरित हो जाते हैं।
5. लौह चुम्बकीय पदार्थों की आपेक्षिक चुम्बकशीलता बहुत अधिक होती है।
6. ताप बढ़ाने पर लौह चुम्बकत्व कम होने लगता है तथा एक निश्चित ताप , जिसे क्यूरी ताप कहते हैं के ऊपर Ferro-magnatic Substance अनुचुम्बकीय हो जाता है। भिन्न भिन्न पदार्थों के लिए क्यूरी ताप का मान भिन्न भिन्न होता है। जैसे -Ni , Fe और Co के लिए क्यूरी ताप के मान क्रमशः 358℃ , 770℃ और 1120℃ हैं।
7. Ferro-magnatic Substance की चुम्बकीय प्रवृत्ति बहुत अधिक तथा धनात्मक होती है।