मुख्य फोकस (Principal Focus)
Table of Contents
मुख्य फोकस (Principal Focus) दो प्रकार के होते हैं –
प्रथम मुख्य फोकस – दूरी :-
यह गोलीय पृष्ठ के मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु होता है ,
जहाँ से होकर आपतित होने वाली किरणें या जिसकी दिशा में आपतित होने वाली किरणें अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती हैं।
पृष्ठ के ध्रुव से प्रथम मुख्य फोकस तक की दूरी को प्रथम मुख्य फोकस-दूरी कहते हैं।
इस प्रकार , यदि प्रथम मुख्य फोकस दूरी f₁ हो , तो u = f₁ रखने पर v = ∞
अतः गोलीय पृष्ठ के अपवर्तन सूत्र μ – 1/R में मान रखने पर ,
μ – 1 / R = μ / ∞ – 1 / f₁
f₁ = – R / μ – 1
द्वितीय मुख्य फोकस – दूरी :-
यह गोलीय पृष्ठ के मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु होता है ,
जहाँ पर मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित होने वाली किरणें अपवर्तन के पश्चात मिलती हैं या जहाँ से होकर आती हुई प्रतीत होती हैं।
पृष्ठ के ध्रुव और द्वितीय मुख्य फोकस के बीच की दूरी को द्वितीय मुख्य फोकस दूरी कहते हैं।
इस प्रकार , यदि प्रथम मुख्य फोकस – दूरी f₂ हो , तो u =∞ रखने पर v = f₂
अतः अपवर्तन सूत्र में मान रखने पर ,
μ – 1 / R = μ / f₂ – 1 / ∞
f₂ = μR / μ – 1
कुछ परिभाषाएं (Definitions) –
(I). मुख्य अक्ष (Principal Axis) :-
लेंस के दोनों गोलीय पृष्ठों के वक्रता-केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा को मुख्य अक्ष कहते हैं।
C₁ C₂ मुख्य अक्ष है। यदि लेंस का एक पृष्ठ समतल हो ,
तो गोलीय पृष्ठ के वक्रता केन्द्र से समतल पर लम्बवत् रेखा को लेंस का मुख्य अक्ष कहते हैं।
(II). प्रकाश केन्द्र (Optical Centre ) :-
“प्रकाश-केन्द्र मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु हैं , जिसमें से होकर यदि प्रकाश लेंस के अंदर गुजरे तो निर्गत किरण आपतित किरण के समान्तर होती है। “
चित्र में निर्गत किरण RS , आपतित किरण PQ के समान्तार है।
अपवर्तित किरण QR लेंस के अंदर मुख्य अक्ष के बिन्दु O से गुजरती है। O से गुजरती है।
O लेंस का प्रकाश केन्द्र है।
यदि लेंस पतला हो , तो आपतित किरण और निर्गत किरण का विस्थापन बहुत ही कम होता है।
अतः पतले लेंसों में प्रकाश केन्द्र से गुजरने वाली किरण बिना विस्थापन के सीधी निकल जाती है।
यदि दोनों गोलीय पृष्ठों की वक्रता-त्रिज्याएं बराबर हो , तो प्रकाश केन्द्र लेंस के केन्द्र पर होता है ,
किन्तु यदि दोनों पृष्ठों की वक्रता-त्रिज्याएं बराबर नहीं है ,
तो प्रकाश केन्द्र लेंस की मोटाई को उसके दोनों पृष्ठों की वक्रता-त्रिज्याओ के अनुपात में विभाजित करता है।
(III). मुख्य फोकस (Principal Focus) :-
प्रत्येक लेंस के दोनों ओर दो विशेष बिन्दु होते हैं , जिन्हें फोकस कहते हैं।
इनकी परिभाषाएं निम्नानुसार हैं –
(1). प्रथम मुख्य फोकस :-
मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु , जिससे चलने वाली किरणें लेंस से निकलने के बाद मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती हैं (उत्तल लेंस में )
या मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु , जिसकी दिशा में चलने वाली किरणें लेंस से निकलने के बाद मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है (अवतल लेंस में ) , प्रथम मुख्य फोकस कहलाता है।
(2). द्वितीय मुख्य फोकस :-
मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरणें अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के जिस बिन्दु पर मिलती हैं (उत्तल लेंस में )
या मुख्य अक्ष के जिस बिन्दु पर फैलती हुई प्रतीत होती हैं (अवतल लेंस में ) , उसे लेंस का द्वितीय मुख्य फोकस कहते हैं। प्रथानुसार , द्वितीय मुख्य फोकस को ही लेंस का मुख्य फोकस कह देते हैं।
(IV). फोकस – दूरी (Focus Length ) :-
लेंस के प्रकाश – केन्द्र और प्रथम मुख्य फोकस के बीच की दूरी को प्रथम फोकस – दूरी
तथा प्रकाश-केन्द्र और द्वितीय मुख्य फोकस के बीच की दूरी को द्वितीय फोकस – दूरी कहते हैं।
यदि लेंस के दोनों ओर माध्यम समान हो , तो दोनों फोकस दूरियो का संख्यात्मक मान समान होता है।
प्रथानुसार , प्रकाश-केन्द्र और द्वितीय मुख्य फोकस के बीच की दूरी को ही लेंस की फोकस दूरी कहते हैं।
(V). फोकस – पृष्ठ (Focal Plane) :-
मुख्य अक्ष के लम्बवत् फोकस से होकर जाने वाले पृष्ठ को फोकस – पृष्ठ कहते हैं।
लेंस के दो मुख्य फोकस होने के कारण उसके दो फोकस – पृष्ठ होते हैं
(1). प्रथम फोकस – पृष्ठ
(2). द्वितीय फोकस – पृष्ठ
यदि एक दूसरे के समान्तर आपतित किरणें मुख्य अक्ष के समान्तर नहीं है ,
तो अपवर्तन के पश्चात ये किरणें द्वितीय फोकस – पृष्ठ के किसी बिन्दु पर मिलती हैं
या किसी बिन्दु से फैलती हुई प्रतीत होती है।
प्रिज्म से अपवर्तन (आंकिक प्रश्न ) –
प्रिज्म से अपवर्तन ( अभ्यास प्रश्न ) –