न्यूटन का सूत्र
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(Newton’s formula)
न्यूटन का सूत्र –
यदि लेंस के प्रथम फोकस से वस्तु की दूरी x₁ तथा द्वितीय फोकस से प्रतिबिम्ब की दूरी x₂ हो , तो
x₁x₂ = f₁f₂
जहाँ f₁ लेंस की प्रथम फोकस दूरी तथा f₂ लेंस की द्वितीय फोकस दूरी है।
इसे न्यूटन का सूत्र कहते हैं जो केवल वास्तविक प्रतिबिम्बों के लिए ही सत्य है।
प्रमाण –
मानलो L एक उत्तल लेंस हैं , O उसका प्रकाश केन्द्र , F₁ प्रथम मुख्य फोकस तथा F₂ द्वितीय मुख्य फोकस है।
प्रथम मुख्य फोकस F₁ से x₁ दूरी पर मुख्य अक्ष के लम्बवत् एक वस्तु AB रखी है।
लेंस से अपवर्तन के पश्चात् वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’B’ द्वितीय मुख्य फोकस F₂ से x₂ दूरी पर बनता है।
मानलो लेंस की प्रथम फोकस दूरी f₁ तथा द्वितीय फोकस दूरी f₂ हैं।
अब ∆ABF₁ और ∆L′OF₁ समरूप हैं।
AB/L′O = F₁B/OF₁ ……..(1)
इसी प्रकार , ∆LOF₂ और ∆A′B′F₂ समरूप हैं।
LO/A’B’ = OF/FB’
किन्तु LO =AB तथा L′O = A’B’
AB/L′O = OF₂/F₂B’. …….(2)
समी. (1) और (2) से ,
F₁B/OF₁ = OF₂/F₂B. …….(3)
चिन्ह परिपाटी के अनुसार ,
F₁B = -x₁ , OF₁= -f₁ ,OF₂ =f₂ तथा F₂B′ =x₂
समी. (5) में मान रखने पर ,
–x₁ /- f₁ = f₂ / x₂
x₁x₂ = f₁f₂ ……..(4)
यही न्यूटन का सूत्र है।
यदि लेंस के दोनों ओर के माध्यम समान हों , तो
f₁ = – f , f₂ = f
समी . (1) में मान रखने पर ,
x₁x₂ = -f² ……….(5)
न्यूटन के सूत्र की विशेषताएं –
1. न्यूटन का सूत्र पतले और मोटे दोनों प्रकार के लेंसों के लिए लागू होता है ,
क्योंकि इसमें वस्तु और प्रतिबिम्ब की दूरियाँ प्रकाश केन्द्र की बजाय मुख्य फोकसो से मापी जाती हैं।
2. संयुक्त लेंस की फोकस दूरी इस सूत्र की सहायता से अधिक शुध्दता पूर्वक मापी जा सकती है।
3. यह सूत्र अवतल दर्पण के लिए भी सत्य है , यदि उसके द्वारा बना प्रतिबिम्ब वास्तविक हो।
न्यूटन के सूत्र की सीमाएं –
यह सूत्र केवल वास्तविक प्रतिबिम्बों के लिए ही सत्य है आभासी प्रतिबिम्बों के लिए नहीं ।
आभासी प्रतिबिम्ब बनने के कारण न्यूटन का सूत्र लागू नहीं होगा –
1. अवतल लेंस या उत्तल दर्पण के लिए।
2. उत्तल लेंस के लिए जबकि वस्तु उसके प्रकाश केन्द्र और मुख्य फोकस के बीच स्थित हो।
3. अवतल दर्पण के लिए जबकि वस्तु उसके ध्रुव और फोकस के बीच स्थित हो।